5 Tips about hindi kahaniya story You Can Use Today
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hindi kahani short
वहां पहुचकर वह बोला- स्वामी मैंने कहा था वही हुआ, आपकों आता देखकर अपने दुर्ग में छिप गया हैं, आइये आपकों उसकी सूरत दिखा देता हु, ” जरुर मै उस नीच को देखकर दुर्ग में ही उससे लडुगा.
एक दिन उनकें मन में विचार आया, उनहोंने सोचा कि क्यों न वे अपने शिष्यों में ही योग्य वर की तलाश करें.
उन्होंने मन ही मन विचार किया ये दोनों लड़ाई झगड़ा करके व्यर्थ में ही अपने प्राण ग्वानें पर तुले हुए हैं.
यह क्रम कई दिन तक चलता रहा, अचानक जैसे ही उमा एक दिन खिड़की से डंडा निकालकर उस घौसले को गिरा रही थी,
उसने संदेश भिजवाया कि जिस व्यक्ति ने मेरे प्रश्नों को हल किया हैं, उससे हम अपनी कन्या का विवाह करना चाहते हैं.
एक तालाब में तीन मछलियाँ रहती थीं। वे काफी अच्छे दोस्त थे और सब कुछ एक साथ किया करते थे।
उन्होंने सभी शिष्यों को एकत्र किया और उनसें कहा-”मैं एक परीक्षा आयोजित करना चाहता हूँ, इसका उद्देश्य यह जानना है कि कौन सबसें बुद्धिमान है.
इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि कोई भी कार्य अंतर्मन से छिपा नहीं रहता और अंतर्मन ही व्यक्ति को सही रास्ता दिखाता है.
महात्मा जी ने कहा- भूमि का निर्णय तो हो ही जाएगा. वह कही भागे थोड़ी ही जा रही हैं. पहले भोजन हो जाए, ताकि मन मस्तिष्क ठिकाने आ जाए.
राजा ने मंत्री को अपना आधा राज्य भी दे दिया. इसके बाद भी राजा ने उसे बहुत सारी चल अचल सम्पति दी.
.... कि......?? ..... कहीं मेरे दिल में रहने वाली लड़की काली न पड़ जाए...!!! ...
महात्मा जी को देखकर उनमें से एक व्यक्ति बोला- महात्मन ! हम दोनों भाई हैं. हमारे पिता ने मरते समय अपनी सम्पति का जो बंटवारा किया था, उसके अनुसार इस भूमि का मालिक मैं हूँ, फिर भी यह व्यर्थ में झगड़ा कर रहा हैं.
दूसरे दिन दोनों ही पक्ष भोजन के लिए पहुचे. दोनों को ही अलग अलग कमरों में बिठाया गया.
माँ से बड़े मीठे स्वर में बेटी को जवाब दिया- आप जो पेड़ पर घौसला देख रही हो, वह एक चिड़िया का है जिसका नाम बया हैं.